काठमांडू, (हि.स.)। नेपाल में विगत चार दिनों से लगातारो रही मूसलाधार वर्षा के कारण आई बाढ़ और जगह - जगह हो रहे भूस्खलनों में अब तक कम से कम 66 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 35 लोग लापता हैं। इसके अलावा देश के प्रमुख पर्यटक स्थल पर करीब 700 लोग फंसे हुए हैं, जिनमें 200 भारतीय नागरिक शामिल हैं। यह जानकारी मीसोमवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
समाचार पत्र हिमालयन टाइम्स के अनुसार, बाढ़ और भूस्खलन से 21 जिले बुरी तरह प्रभावित हैं। चितवन राष्ट्रीय उद्यान के सौराहा में फंसे 700 पर्यटकों में करीब 200 भारतीय हैं और करीब इतनी ही संख्या में अन्य देशों के लोग भी हैं। शेष नेपाली नागरिक हैं।
अधिकारियों ने बताया कि देश में पिछले तीन दिनों में भारी बारिश के चलते बाढ़ आ गई है और कई स्थानों पर भूस्खलन हुए हैं। चितवन घाटी में राप्ती नदी उफान पर है। बाढ़ का पानी कई होटलों में घुस गया है, जहां देश का पहला राष्ट्रीय पार्क स्थित है।
क्षेत्रीय होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुमन घिमरे ने बताया कि फंसे हुए पर्यटकों को हाथी और नौका की मदद से निकाला जा रहा है। एक होटल मालिक ने बताया कि गृह मंत्रालय से मदद मांगी गई है।
नेपाल के बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत और बचाव तेजी से चलाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन मौसम साथ नहीं दे रहा है। कई जगहों पर बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए राफ्ट का सहारा लिया जा रहा है।
नेपाल के गृह मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पंचथार और इलाम में एक-एक, मोरंग और झापा में पांच-पांच व सुनसारी में बाढ़ और भूस्खलन में आठ लोगों की मौत हो गई है।
इसी तरह सर्लाही में बाढ़ से चार और रौताहाट में भूस्खलन में नौ, धनुषा और महोत्तरी में एक - एक, सिंधुली, बारा और मकवानपुर में चार-चार और चितवन जिले में दो लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा बाढ़ और भूस्खलन में पल्पा, कपिवस्तु, कालीकोट, सलयान और कैलाली में एक -एक , बरदिया में दो, डांग और सुरखेत में तीन -तीन और बांके जिले में चार लोगों की मौत हो गई है।