नई दिल्ली, (हि.स.)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लाभ का पद मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों की विधानसभा सदस्यता निरस्त करते हुए उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया है। चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति से इस संबंध में सिफारिश की थी।
विधि और न्याय मंत्रालय की एक राजपत्र अधिसूचना में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हवाले से कहा गया है कि चुनाव आयोग की सिफारिश के आलोक में आप के 20 विधायकों को लाभ का पद मामले में अयोग्य घोषित किया गया है। अधिसूचना के अनुसार, “निर्वाचन आयोग द्वारा व्यक्त की गई राय को ध्यान में रखते हुए, मामले पर विचार करते हुए, मैं, रामनाथ कोविंद, भारत का राष्ट्रपति, दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन अधिनियम, 1991 की धारा 15 की उपधारा (4) के अधीन मुझे प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, एतद्दवारा अभिनिर्धारित करता हूं कि दिल्ली विधानसभा के पूर्वोक्त 20 सदस्य उक्त विधानसभा के सदस्य होने के निर्रहित हो गए हैं।”
आदेश में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग को 10 नवम्बर, 2015 को निर्देश दिया गया था कि क्या दिल्ली के प्रवीन कुमार और 20 अन्य सदस्य विधानसभा के सदस्य रहने से निर्रहता से ग्रस्त हो गए हैं। इसमें सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री आदर्श शास्त्री, पर्यटन मंत्री अल्का लांबा, स्वास्थ्य मंत्री (पूर्व) अनिल कुमार बाजपेई, गुरुद्वारा निर्वाचन मंत्री अवतार सिंह, विद्युत मंत्री जरनैल सिंह (राजौरी गार्डन), विकास मंत्री जरनैल सिंह (तिलक नगर), विधि मंत्री कैलाश गहलौत, सतर्कता मंत्री मदनलाल, खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री मनोज कुमार, श्रम मंत्री नरेश यादव, महिला, बाल और समाज कल्याण मंत्री नितिन त्यागी, शिक्षा मंत्री प्रवीन कुमार, स्वास्थ्य मंत्री (उत्तर) राजेश गुप्ता, स्वास्थ्य मंत्री (दक्षिण) राजेश ऋषि, परिवहन मंत्री संजीव झा, रोजगार मंत्री सरिता सिंह, राजस्व मंत्री शरद कुमार चौहान, वित्त मंत्री शिव चरण गोयल, उद्योग मंत्री सोम दत्त, भाषा और अ.जा./अ.जन.जा./अ.पि.व. कल्याण मंत्री सुखवीर सिंह दलाल, लोक निर्माण मंत्री विजेन्द्र गर्ग विजय। इसमें कहा गया है कि जरनैल सिंह ने राजौरी गार्डन सीट से 17 जनवरी, 2017 को त्याग पत्र दे दिया था और अप्रैल में इस सीट पर उपचुनाव हुए थे। ऐसे में उनकी निर्रहता का प्रश्न नहीं रहता।