राष्ट्रीय
देश की पहली महिला कुली मंजू की कहानी सुनकर भावुक हुए राष्ट्रपति
By Deshwani | Publish Date: 20/1/2018 7:35:23 PM नई दिल्ली, (हि.स.)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शनिवार को देश की पहली महिला कुली मंजू के संघर्ष की कहानी सुनकर भावुक हो गए। मौका था अपने-अपने क्षेत्र में असाधारण कार्य करने वाली देश की पहली 112 महिलाओं को राष्ट्रपति भवन में सम्मानित करने का।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि वह आमतौर पर इतने भावुक नहीं होते लेकिन स्टेशन पर बोझ उठाने का काम करने वाली मंजू के यहां तक पहुंचने का अनुभव वाकई कष्टकारी है। उन्होंने राजस्थान की एमबीए पास सरपंच छवि को युवा पीढ़ी के लिए आदर्श बताते हुए कहा कि उच्च शिक्षित बेटियों का गांव से करियर की शुरूआत करना सचमुच प्रेरणादायी है। उन्होंने भरोसा जताते हुए कहा कि देश की महिलाएं ग्रामीण भारत को मजबूत और विकसित कर सकती हैं।
उन्होंने कहा कि पुरुषवादी मानसिकता के कारण आज भी महिलाएं स्वयं को असुरक्षित महसूस करती हैं। ऐसे में माता-पिता को बेटियों की सुरक्षा की चिंता सताती है लेकिन डिटेक्टिव, मिसाइल वूमन सहित तमाम क्षेत्रों में देश की पहली महिला होने का गौरव प्राप्त करने वाली महिलाओं ने ऐसी सभी पारंपरिक मान्यताएं तोड़कर यहां तक पहुंची हैं। उन्होंने कहा कि इनकी उपलब्धियां दूसरी महिलाओं को भी आगे आने को प्रेरित करेंगी।
राष्ट्रपति ने विभिन्न विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह में लड़कों से काफी अधिक लड़कियों की संख्या पर खुशी जताते हुए कहा कि यह असल में भारत के भविष्य की एक झलक है। उन्होंने केंद्र सरकार की जनधन योजना का जिक्र करते हुए कहा इस योजना के तहत देशभर में 30 करोड़ खाते खोले गए जिनमें से 52 प्रतिशत महिलाओं के हैं।
राष्ट्रपति ने महिलाओं के सशक्तिकरण में सरकार के साथ समाज की भूमिका पर भी जोर देते हुए कहा कि समग्र विकास के लिए महिलाओं का सशक्त होना जरूरी है।