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मरीजों के भरोसे को उचित सम्मान दें चिकित्सक : राष्ट्रपति
By Deshwani | Publish Date: 16/1/2018 8:54:55 PM
मरीजों के भरोसे को उचित सम्मान दें चिकित्सक : राष्ट्रपति

 नई दिल्ली, (हि.स.)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने डॉक्टरों को जनता के भरोसे पर खरा उतरने का आह्वान करते हुए कि मरीजों और उनके परिजनों को डॉक्टरों पर अत्यधिक भरोसा है। यह आप लोगों पर निर्भर है कि आप इस भरोसे को उचित सम्मान दें और करूणा व उचित देखभाल के साथ उन्हें चिकित्सकीय सेवा प्रदान करें। 

 
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को नई दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के 45वें दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे। समारोह में उन्होंने 572 स्नातक छात्रों को डिग्री प्रदान की। इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री जे.पी.नड्डा और एम्स के अध्यक्ष भी मौजूद थे। कार्यक्रम में नड्डा ने डा. पुरषोत्तम उपाध्याय, प्रोफेसर ललित मोहन नाथ, प्रोफेसर ऊषा नायर, डा. मेहरबान सिंह, प्रोफेसर इन्दिरा नाथ तथा प्रोफेसर एम.सी. माहेश्वरी को चिकित्सा क्षेत्र में लाईफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार भी प्रदान किए। 
 
समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि एम्स गुणवत्ता, प्रतिबद्धता और समृद्ध अनुभव का दूसरा नाम बन गया है। संकाय व चिकित्सकों के साथ-साथ छात्र भी हमारे राष्ट्र और चिकित्सीय बिरादरी के गौरव हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रयासों की सरहाना करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए इन्द्रधनुष कार्यक्रम की मदद से स्वास्थ्य मंत्रालय प्रतिरक्षण-अंतर को समाप्त करने तथा सभी बच्चों को जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने का प्रयास कर रहा है। हमारे देश में दोनों ही तरह की समस्याएं हैं- मोटापा और कुपोषण। इसके साथ ही हमारे देश में बच्चों तथा बुजुर्गों की बहुत बड़ी जनसंख्या है। ये दोनों समूह हमारी चिकित्सा प्रणाली के समक्ष चुनौतियां पेश करते हैं।
 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी.नड्डा ने छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि प्रभावी, किफायती और कम लागत वाली चिकित्सा प्रणाली आज की जरूरत है। इस चुनौती का सामना करने के लिए एम्स अपने संकायों का विस्तार कर रहा है और सरकार इसे पूर्ण सहयोग प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि एम्स को पूरे विश्व में सम्मान के साथ पहचाना जाता है।
 
श्री नड्डा ने कहा कि प्रत्येक बच्चे के प्रतिरक्षण के लिए 2014 में मिशन इन्द्रधनुष की शुरूआत की गई थी। अब तक 3.2 करोड़ बच्चों को प्रतिरक्षण की दवाई दी गई है। 5 वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों की शिशु मृत्यु दर 2013 में 49 से घटकर 2016 में 39 हो गई है।
 
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