नई दिल्ली, (हि.स.)। सोनिया ने बतौर पार्टी अध्यक्ष अपने अंतिम भाषण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस ने देश को 21वीं सदी में लाई थी लेकिन, प्रधानमंत्री आज देश को पीछे धकेल रहे हैं। आज देश में लोगों के मूल अधिकार तक सुरक्षित नहीं हैं।
सोनिया ने कहा, 'राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष निर्वाचित होने पर मैं उन्हें हार्दिक बधाई, शुभकामनाएं और आशीर्वाद देती हूं। एक नया दौर, एक नये नेतृत्व की उम्मीद राहुल गांधी आपके सामने है। कांग्रेस पार्टी के लाखों कार्यकर्तागण इस पूरी यात्रा में मेरे हमसफर रहे हैं मैंने आपसे जो सीखा उसकी कोई तुलना नहीं हो सकती। हमने समाज के हर तबके का प्रतिनिधित्व और विकास किया, हमने ऐसे कानून बनाये जो जनता के अधिकारों पर आधारित थे। हमने हमेशा लोकतांत्रिक व धर्मनिरपेक्षता का सम्मान किया । ये सिद्धान्तों की लड़ाई है इसके लिए हमें हर बलिदान के लिए तैयार रहना चाहिए।' सोनिया गांधी ने कहा, 'राजनीति में आने पर राहुल ने ऐसे भयंकर व्यक्तिगत हमले का सामना किया जिसने उसे और निडर इंसान बनाया।
सोनिया ने भावुक होते हुए कहा, 'इंदिरा और राजीव का बलिदान व्यर्थ न जाए इसलिए राजनीति में आई थी। जब मैं राजनीति में आई थी उस वक्त मात्र तीन राज्यों में कांग्रेस की सरकार थी, जब इंदिरा गांधी जी की हत्या की गई तब मुझे मां खोने का गम हुआ। इसी के चलते मैं राजनीति को अलग नजरिए से देखना चाहती थी और अपने पति व बच्चों को इससे दूर रखना चाहती थी। सोनिया ने कहा, 'आज इस जिम्मेदारी को छोड़ते हुए आप सभी कांग्रेसजनों और देश के नागरिकों द्वारा दिए गए असीम प्यार और विश्वास के लिए तहे दिल से शुक्रिया अदा करती हूं ।'
सोनिया ने कहा, 'जब कांग्रेस सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही है उस समय राहुल ने पार्टी की कमान संभाली है। मुझे विश्वास है वे अच्छा करेंगे।' शनिवार को खास बात ये भी रही, सोनिया यूं तो बहुत खुश नजर आ रहीं थीं लेकिन भाषण के दौरान वे अचानक गुस्सा गई। क्यों कि सोनिया जब भाषण दे रही थीं तभी मुख्यालय के बाहर पटाखे फूटने लगे, जिससे सोनिया नाराज हो गईं और उन्होंने अपना भाषण रोक दिया। सोनिया गांधी को तीन बार अपना भाषण रोकना पड़ा। हालांकि, 5-7 मिनट की रुकावट के बाद सोनिया ने दोबारा अपना भाषण शुरू किया।