नई दिल्ली, (हि.स.)। तालकटोरा स्टेडियम में रविवार को जदयू कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि दिल्ली में अरसे से रहने वाले बिहार के लोग तरह-तरह से प्रताड़ित हो रहे हैं। उन्हें यहां दोयम दर्जे का स्थान हासिल है। दिल्ली के लोग उन्हें प्रवासी कहते हैं जबकि यहां अर्थव्यवस्था व सामाजिक कार्यकलाप में उनका एेसा योगदान है कि अगर वे चाहे तो एक घंटे में दिल्ली की जीवन व्यवस्था को ठप कर दें।
नीतीश ने कहा कि बिहारी यहां तरह-तरह के काम करते हैं। प्रशासनिक कार्यों से लेकर लोगों को गंतव्य तकने तक का काम (रिक्सावाले) यहां बिहार के लोग कर रहे हैं। उसके बाद भी वो अनधिकृत कॉलोनियों में रहते हैं और दिल्ली की सरकारें उन कॉलोनियों को नियमित नहीं कर पाईं। उदाहरण देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार के आम गांवों की हालत भी एेसी नहीं है, जैसी दिल्ली की इन अनधिकृत कॉलोनियों की हालत है।
दिल्ली में संगठन को मजबूत करने के प्रयासों की चर्चा करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि जब वे पार्टी के अध्यक्ष बने तो मार्च 2013 के दौरान दिल्ली के रामलीला मैदान में जदयू की एक रैली हुई थी, तो उन्होंने इसमें बिहार के लोगों की काफी संख्या देखी थी। इसको लेकर उन्हें इस प्रदेश में अपने संगठन को मजबूत करने की इच्छा जगी और आज वह देख रहे हैं कि यहां उनका संगठन मजबूत है।
बिहार में उनकी ओर से किए गए कार्यों की चर्चा करते हुए नीतीश ने कहा कि उन्होंने बिहार के हर गांव को सड़क से जोड़ दिया है और अब वह हर गांव की गलियों का पक्कीकरण करेंगे। केंद्र सरकार की योजना के तहत हर घर में शौचालय देने का काम वह कर चुके हैं। अब उन्हें हर घर में पेयजल व बिजली पहुंचानी है। उन्होंने कहा कि 2018 तक यह काम हो जाएगा।
बिहार में नारी सशक्तिकरण की चर्चा करते हुए नीतीश ने कहा कि बिहार पहला राज्य है, जहां ग्राम-पंचायत व निगम चुनाव में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया। अब बिहार सरकार पुलिस सेवा में महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण देने का काम करेगी।
बिहार में लागू शराबबंदी का फायदा गिनाते हुए नीतीश ने कहा इसके लागू होने से 2015-16 के दौरान सड़क घटनाओं में 31 फीसदी की कमी आई। साथ ही बिहार में होने वाली बीमारियों की चर्चा करते हुए नीतीश ने कहा कि शराबबंदी से किडनी की बीमरी से पीड़ितों की संख्या में 39 फीसदी की कमी आई तो वहीं मानसिक बीमारी से पीड़ितों की संख्या 33 फीसदी कम हो गई। साथ ही डिप्रेशन के शिकार लोग 81 फीसदी तक कम हो गए। उल्लेखनीय है कि बिहार में 26 नवंबर को नशाबंदी दिवस मनाया जाता है।
देश में अन्य राज्यों में नशाबंदी लागू करने की बात करते हुए नीतीश ने कहा कि जब बिहार में यह लागू हो सकता है तो अन्य राज्यों में क्यों नहीं हो सकता। कांग्रेस व वामपंथी शासित प्रदेशों में यह काम क्यों नहीं किया जा सकता। नीतीश ने कहा कि कुछ तथाकथित धर्मनिरपेक्ष पार्टियां कहती हैं कि शराबबंदी से आजादी पर रोक लगती है लेकिन वे यह बताएं कि अभी तक शराब पीने के अधिकार को हमारे संविधान मे मूलभूत अधिकार का दर्जा क्यों नहीं दिया गया।
बिहार में सामाजिक स्तर पर सुधार पर सरकारी प्रयास की चर्चा करते हुए नीतीश ने कहा कि अब बिहार सरकार दहेज उल्मूलन व बाल विवाह जैसे सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने की बात करेगी। सम्मेलन के दौरान जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी, महासचिव आरसीपी सिंह, महासचिव व दिल्ली प्रभारी संजय झा सहित कई गण्यमान्य लोग उपस्थित रहे।