राष्ट्रीय
एनटीपीसी और हिंडाल्को को नहीं मिली फर्नेस आयल के इस्तेमाल की अनुमति
By Deshwani | Publish Date: 22/11/2017 1:51:43 PMनई दिल्ली, (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने एनटीपीसी और हिंडाल्को को अपने बॉयलर में फर्नेस आयल के इस्तेमाल की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि आप इसके लिए सरकार के पास जाइए। उन्होंने इसे लेकर नोटिफिकेशन जारी किया है। हम कोई आदेश नहीं दे सकते हैं।
पिछले 13 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर के उद्योगों द्वारा फर्नेस आयल और पेट कोक पर बैन की समय सीमा बढ़ाने से इनकार कर दिया था। उद्योगों की ओर से वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा कि प्रदूषण को लेकर उद्योग भी चिंतित हैं। इसके लिए केंद्र सरकार ने पिछले 23 अक्टूबर को ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है। उसके लिए तीन महीने तक सुझाव भी देने हैं। सरकार 31 दिसंबर तक उद्योगों के धुंए को लेकर मानक तैयार कर लेगी। इसलिए 31 दिसंबर तक उद्योगों को भी राहत दी जाए। उद्योगों को तकनीक बदलने के लिए समय चाहिए ।
पिछले 24 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए पूरे एनसीआर क्षेत्र के उद्योगों में फरनेस ऑयल और पेट कोक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया। कोर्ट ने मसले पर ढीला रवैये के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय पर दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था। कोर्ट द्वारा गठित कमिटी ने फरनेस ऑयल और पेट कोक को प्रदूषण की बड़ी वजह बताया था । दरअसल केंद्र सरकार ने इसे सुनवाई के ठीक एक दिन पहले नोटिफाई किया जिससे सुप्रीम कोर्ट नाराज हो गई और केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय पर दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया था।
केंद्र सरकार ने भी पिछले 17 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि उसने दिल्ली के पड़ोसी राज्यों यूपी, राजस्थान और हरियाणा में पेट कोक और फर्नेस ऑयल के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है । ये रोक 15 नवंबर से प्रभावी है । सुनवाई के दौरान एमिकस क्युरी हरीश साल्वे ने कहा कि पेटकोक और फर्नेस ऑयल के केवल इस्तेमाल पर ही रोक नहीं लगाई जानी चाहिए बल्कि इसकी बिक्री पर भी रोक लगाई जानी चाहिए।