बिहार
सभी बुनियादी विद्यालयों का किया जाएगा कायाकल्प, बापू के योगदानों को भुलाना मुश्किल: नीतीश
By Deshwani | Publish Date: 20/11/2017 9:15:25 PM- सीएम की सभा में एनएनएम संगठन ने डाला खलल, लगे मुर्दाबाद के नारे, तो सीएम ने लगाई क्लास
बेतिया। देशवाणी न्यूज नेटवर्क
चंपारण शताब्दी समारोह में शिरकत करने पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में इस धरती के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। इस मौके पर उन्होंने जिले के भितिहरवा आश्रम के विद्यालय का जायजा लिया। सत्याग्रह के सौ साल पूरे होने पर नीतीश कुमार ने चंपारण में सभा को संबोधित किया। बता दें कि आज ही के दिन 20 नवंबर 1917 को मां कस्तूरबा ने बुनियादी विद्यालय की भितिहरवा आश्रम में आधारशिला रखी थी। इस दौरान उन्होंने कहा कि सभी बुनियादी विद्यालयों का कायाकल्प किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सत्याग्रह शताब्दी समारोह में भितिहरवा आश्रम के बगल में 16 करोड़ की लागत से बनाने वाली थीम पार्क का शिलान्यास किया। जहां अपने संबोधन में सीएम ने कहा कि पूर्ण शराबबंदी और दहेज उन्मूलन की सफलता पर आने वाली 21 जनवरी को फिर से बिहार में मानव शृंखला बनाई जाएगी।
इसी बीच सभा में एएनएम कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर जमकर हंगामा किया। जिस पर नीतीश कुमार ने कर्मियों को डांट सुनाते हुए कहा कि यह शताब्दी समारोह चल रहा है। इसमें हंगामा करने से कुछ नहीं मिलने वाला है। वहीं, एएनएम कर्मियों से कहा कि सभा खत्म होने के बाद वे आपकी सामस्याओं से रू-ब-रू होंगे। इस मौके पर सूबे के आधा दर्जन समेत जिले के सभी विधायक और सांसद मौजूद थे। बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सभा में एनएम संगठन की महिलाओं ने जमकर हंगामा किया। हंगामा के कारण नीतीश कुमार का संबोधन करीब 15 मिनट तक प्रभावित हुआ। इसके बाद अधिकारियों ने मोर्चा संभाला और महिला पुलिस के माध्यम से सभी हंगामा करनेवाली एएनएम को वहां से हटाया। एएनएम समान काम के लिए समान वेतन की मांग कर रही थी। सीएम नीतीश कुमार ने भितिहरवा आश्रम में महात्मा गांधी द्वारा स्थापित देश के दूसरे बुनियादी विद्यालय का भी निरीक्षण किया। उनके साथ मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह समेत अन्य विभागों के प्रधान सचिव और डीजीपी भी मौजूद थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एक पुस्तक ‘भितिहरवा आश्रम एवं चंपारण आंदोलन में स्त्री-स्वर’ का विमोचन किया, उन 19 महिलाओं की गवाही को रखा गया है, जिन्होंने चंपारण आंदोलन में महात्मा गांधी का साथ दिया था और अपनी शिकायत दर्ज करायी थी। इसके बाद सीएम सड़क मार्ग से मोतिहारी होकर पटना के लिए रवाना हो गए।