राष्ट्रीय
सिनेमाघरों में राष्ट्रगान पर पुनर्विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट
By Deshwani | Publish Date: 23/10/2017 5:40:39 PMनई दिल्ली, (हि.स.)। सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान चलाने और उसके सम्मान में सभी दर्शकों को अनिवार्य रूप से खड़े होने के अपने आदेश पर सुप्रीम कोर्ट पुनर्विचार करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह सिनेमाघरों और दूसरे सार्वजानिक समारोहों में राष्ट्रगान चलाने को लेकर अगले साल 9 जनवरी तक नियम तैयार करे। सुप्रीम कोर्ट ने अपने पहले के आदेश को अनुचित बताते हुए कहा कि कोर्ट को सिनेमाघरों में राष्ट्रगान अनिवार्य करने के लिए बाध्य नहीं करना चाहिए। ये काम केंद्र सरकार को करना चाहिए।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि कोर्ट नागरिकों को इस बात के लिए बाध्य नहीं कर सकती है कि वे अपनी बाहों पर देशभक्ति लगाकर चलें। कोर्ट अपने आदेश से लोगों में देशभक्ति की भावना नहीं भर सकती है। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि कोर्ट अपने पहले के आदेश में कोई संशोधन न करे। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट कार्यपालिका के क्षेत्राधिकार में हस्तक्षेप क्यों करे।
राष्ट्रगान पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सफाई देने और पुनर्विचार करने की मांग करने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश दिया है।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि राष्ट्रगान स्कूलों में भी अनिवार्य किया जाना चाहिए क्योंकि देशभक्ति की शुरूआत स्कूलों से ही होनी चाहिए । उन्होंने कहा कि राष्ट्रगान पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐसे समय आया है जब इस पर कोई कानून नहीं है । उन्होंने राष्ट्रगान पर दिए अंतरिम आदेश को वापस लेने की मांग का विरोध किया ।
सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश को लेकर दाखिल याचिकाओं में कहा गया है कि इस आदेश को वापस लिया जाए क्योंकि ये आदेश अधिकारों का हनन करते हैं। कोर्ट को सिनेमा जैसे इंटरटेनमेंट जगहों पर ये लागू नहीं करना चाहिए ।