सरयू जल के शुद्धीकरण के लिए गंगा की तर्ज पर अलग मंत्रालय बनाये केंद्र: महंत नृत्यगोपाल दास
अयोध्या, (हि.स.)। दीपावली के अवसर पर अयोध्या में सरयू तट पर अभूतपूर्व दीपोत्सव सम्पन्न होने के बाद अब सरयू नदी की स्वच्छता और सफाई की मांग एक बार फिर से जोर पकड़ने लगी है। श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष और मणिराम दास छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास महाराज ने यहां कहा कि सरयू नदी में फैजाबाद सहित अन्य स्थानों से गिर रहे गंदे नाले से सरयू जल की पवित्रता भंग हो रही है। मठ मंदिरों और गुरुद्वारे में भोग राग (प्रसाद) के लिये प्रयोग में लाये जा रहे जल की पवित्रता पर प्रश्न चिह्न खड़ा हो गया है। सरकार और प्रशासन जब तक सरयू में गिर रहे नालों को नहीं रोकती है, तब तक अयोध्या के विकास की बात करना बेमानी होगा। उन्होंने केंद्र सरकार से गंगा की तर्ज पर सरयू के लिए भी अलग मंत्रालय बनाने की मांग की।
महंत नृत्य गोपाल ने कहा ‘अयोध्या मम पुरी सुहावनि उत्तर दिश सरयू बह पावनि’ अयोध्या नगर की पहचान भगवान श्रीराम और माता सरयू से है। जिस पवित्र नदी के जल में स्वयं भगवान श्रीराम और प्रयाग से प्रतिदिन चलकर तीर्थराज प्रयाग स्नान करने के लिये आते हों, जिस जल का दर्शन मात्र कर लेने से पापों की मुक्ति हो जाये, यह दुर्भाग्य है कि आज वह जल दूषित और प्रदूषित किया जा रहा है।’
उन्होंने प्रश्न किया कि क्या गंगा की भांति अमृत कहा जाने वाला सरयू जल अब पीने योग्य नहीं रहेगा? क्या सरयू भी यमुना की भांति काली हो जायेगी? क्या गंगा की ही भांति साधु संतो को आंदोलन करना पड़ेगा?
अयोध्या में करीब सात हजार मठ मंदिरों मे धार्मिक अनुष्ठानों और पीने के लिए सरयू का ही जल प्रयोग मे लाया जा रहा है। इसे प्रदूषित होने से बचाने के लिए अब तक कोई वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट नही लगाया गया। उन्होंने कहा सरयू के शुद्धीकरण की योजना तत्काल बननी चाहिए।
उन्होंने कहा कि बाराबंकी से टांडा तक की सरयू नदी की 200 किमी लंबी पट्टी में रोजाना बड़ी मात्रा मे सीवर व नालों का गंदा पानी कचरा और मिलों का जहरीला पदार्थ डाला जा रहा है। नदी के उत्तरी छोर पर बसे गोंडा और बस्ती जिलों की गंदगी भी सरयू की धारा में आ रही है। उन्होंने कहा, इस बारे में पूर्व सरकारों और प्रशासन को संतो द्वारा कई बार पत्र भी लिखा गया। सरयू का पानी प्रदूषित हो रहा है। सरयू को प्रदूषण मुक्त किया जाये।
महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि जिस प्रकार पवित्र गंगा जल और नदी को प्रदूषण मुक्त और बचाने के लिए केन्द्र सरकार ने अलग से मंत्रालय बनाया है। ठीक उसी प्रकार वर्तमान राज्य सरकार सरयू को भी अलग से स्वतंत्र मंत्रालय गठित करना चाहिए । वैसे सरकार अयोध्या मे धार्मिक और सांस्कृतिक विकास के उत्थान मे सक्रिय जरूर है, जन कल्याण हेतु संत धर्माचार्यो तथा समाज की भावनाओं का आदर सम्मान करते हुए सरयू की पवित्रता की रक्षा के लिए भी आगे बढ़े।