नई दिल्ली, (हि.स.)। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर शनिवार को यहां पुलिस स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। वहीं डीआईबी के राजीव जैन ने इस वर्ष देश की रक्षा और कर्तव्य के लिए अपने प्राण गंवाने वाले सभी पुलिस कर्मियों के नाम पढ़े।
भारत-चीन सीमा पर 1959 में अपने प्राणों की आहुति देने वाले पुलिस बल के 10 जवानों और राष्ट्र की अखंडता व देशवासियों की सुरक्षा में अपना बलिदान देने वाले 34,418 पुलिस कर्मियों की याद में देशभर में आज पुलिस स्मृति दिवस मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में मुख्य कार्यक्रम राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के चाणक्यपुरी के पुलिस स्मारक मैदान पर आयोजित किया गया। गृहमंत्री राजनाथ सिंह यहां पुलिस स्मृति दिवस परेड में शामिल हुए और शहीदों को याद किया।
इस अवसर केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास राज्य मंत्री डॉ.सत्यपाल सिंह, केंद्रीय गृह सचिव राजीव गाबा और साथ ही सभी केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के प्रमुख और दिल्ली पुलिस के आयुक्त और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। सीआईएसएफ द्वारा आयोजित समारोह में सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों ने बड़ी संख्या में परेड में भाग लिया।
1959 में हॉट स्प्रिंग्स, लद्दाख में शहीद हुए पुलिस कर्मियों को याद करने के लिए हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है। इस दिन उन 10 पुलिस कर्मियों के बलिदान को याद किया जाता है, जिन्होंने 1959 में चीन से लगने वाले भारतीय सीमा की सुरक्षा में अपने प्राण न्यौछावर किए थे। वर्ष 1959 के शरदकाल तक 2500 मील लंबी भारत-तिब्बत सीमा की निगरानी और सुरक्षा करने का दायित्व भारत के पुलिस कर्मियों पर ही था। 20 अक्टूबर, 1959 को उत्तर-पूर्वी लद्दाख में हॉट-स्प्रिंग्स से तीन टोही दलों को रवाना किया गया था, ताकि एक भारतीय अभियान को आगे बढ़ाने की तैयारी की जाए। यह अभियान लानक ला के रास्ते पर जा रहा था। दो दलों के सदस्य उस दिन दोपहर तक हॉट-स्प्रिंग्स पर लौट आए थे लेकिन तीसरा दल वापस नहीं आया था। इस दल में दो पुलिस हवलदार और एक पोर्टर शामिल थे। अगले दिन बड़े सवेरे खोए हुए पुलिस कर्मियों की तलाश में उपलब्ध कर्मियों को भेजा गया। डीसीआईओ करम सिंह के नेतृत्व में लगभग 20 पुलिस कर्मियों के एक दल को आगे भेजा गया। करम सिंह घोड़े पर सवार आगे चल रहे थे, जबकि बाकी लोग तीन टुकड़ियों में बंटकर पैदल चल रहे थे।
दोपहर के करीब चीनी सैन्य कर्मियों को एक पहाड़ी पर देखा गया। उन लोगों ने करम सिंह के दल पर फायरिंग की और हथगोले फेंके। इसमें 10 पुलिस कर्मी शहीद हो गए और सात घायल हो गए। सात घायलों को चीनी फौज ने पकड़ लिया, जबकि अन्य भागने में सफल हो गए। घटना के पूरे तीन हफ्ते बाद (13 नवम्बर, 1959) कहीं जाकर चीनियों ने हमारे 10 शहीदों के शवों को वापस किया। हॉट-स्प्रिंग्स पर पूरे पुलिस सम्मान के साथ इन शवों का अंतिम संस्कार किया गया।
जनवरी, 1960 में आयोजित राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस महानिरीक्षकों के वार्षिक सम्मेलन में फैसला किया गया कि लद्दाख में शहीद होने वाले बहादुर पुलिस कर्मियों और कर्तव्य निर्वहन के दौरान शहीद होने वाले अन्य पुलिस कर्मियों की स्मृति में हर वर्ष 21 अक्टूबर को ‘स्मृति दिवस’ मनाया जाएगा। हॉट-स्प्रिंग्स पर एक स्मारक बनाने का भी फैसला किया गया। हर वर्ष देश के विभिन्न भागों के पुलिस बल शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए हॉट-स्प्रिंग्स पर जाते हैं। वर्ष 2012 से पुलिस स्मारक, चाणक्यपुरी में राष्ट्रीय स्तर पर पुलिस स्मृति दिवस परेड का आयोजन किया जाता है।
आजादी के बाद से अब तक राष्ट्र की अखंडता और देशवासियों की सुरक्षा में 34,418 पुलिस कर्मियों ने अपना बलिदान दिया है। पिछले एक वर्ष के दौरान, सितंबर, 2016 से अगस्त, 2017 तक, 383 पुलिस कर्मियों ने अपने प्राण न्यौछावर किए हैं।