राष्ट्रीय
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का मामला संविधान बेंच को रेफर
By Deshwani | Publish Date: 13/10/2017 12:34:41 PMनई दिल्ली, (हि.स.)। केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक के मामले को सुप्रीम कोर्ट ने पांच जजों की संविधान बेंच को रेफर कर दिया है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने इंडियन यंग लायर्स एसोसिएशन की दायर याचिका पर ये फैसला सुनाया। पिछले 20 फरवरी को संविधान बेंच को भेजने के सवाल पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
पिछले साल 7 नवंबर को सुनवाई के दौरान केरल की वामपंथी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि हर उम्र की महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की अनुमति मिलनी चाहिए। राज्य सरकार ने कोर्ट से कहा था कि वो महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश देने के लिए तैयार है। ये हलफनामा कांग्रेस के नेतृत्व वाली केरल सरकार के हलफनामे के विपरीत थी। जिसका विरोध करते हुए सबरीमाला मंदिर बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सरकार अपने रुख से कैसे पलट सकती है?
मंदिर प्रशासन के मुताबिक धार्मिक मान्यताओं की वजह से महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। भगवान अयप्पा को ब्रह्मचारी और तपस्या लीन माना जाता है। सबरीमाला मंदिर में परंपरा के अनुसार, 10 से 50 साल की महिलाओं की प्रवेश पर प्रतिबंध है। मंदिर ट्रस्ट की मानें तो यहां 1500 साल से महिलाओं की प्रवेश पर बैन है। इसके लिए कुछ धार्मिक कारण बताए जाते रहे हैं|