राष्ट्रीय
32 साल बाद दिल्ली में जुटे दुनियाभर के जासूस
By Deshwani | Publish Date: 12/10/2017 1:23:22 PMनई दिल्ली, (हि.स.)। विश्व जासूस संगठन (डब्ल्यूएडी) के बैनर तले 50 देशों के शीर्ष 150 जासूस गुरुवार से राजधानी में भ्रष्टाचार और साइबर अपराधों से जुड़े खतरों से निपटने पर मंथन करेंगे। कौशल विकास मंत्रालय के तहत संचालित सुरक्षा क्षेत्र की कौशल विकास परिषद के प्रमुख कुंवर विक्रम सिंह ने हिन्दुस्थान समाचार से विशेष बातचीत में गुरुवार को बताया कि चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में विश्व के पेशेवर जासूस वैश्विक स्तर पर संपूर्ण सुरक्षा परिदृश्य के लिए उत्पन्न चुनौतियों और इनके समाधान पर चर्चा कर रहे है। इस बार की संगोष्ठी में मुख्य रूप से साइबर क्राइम पर चर्चा की जा रही है यह आज वैश्विक समस्या बन गई है। सिंह ने कहा कि भारत में नकली मुद्रा के प्रचलन, हवाला कारोबार, काले धन की समस्या, बैंक और साइबर अपराधों की बढ़ती समस्या के मद्देनजर डब्ल्यूएडी की 92वीं सालाना बैठक भारत में आयोजित करने की पहल की गई है।
सिंह ने बताया कि सेना की आयुध इकाई के पूर्व महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) राजेंद्र सिंह संगोष्ठी का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि भारत सहित अन्य विकासशील देशों में बैंकिंग एवं साइबर अपराधों और सरकारी एवं गैर सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार से निपटने में जासूसों की अहम भूमिका को देखते हुए इनकी सेवाएं लेने के तरीकों पर भी संगोष्ठी में विचार किया जाएगा। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय पेशेवर जासूस आतंकवाद, मानव तस्करी, नागरिक सुरक्षा, पुलिस तंत्र की सजगता, रक्षा, जांच और फॉरेंसिक साइंस के क्षेत्र में उत्पन्न चुनौतियों से निपटने का रोडमैप तैयार कर सरकार के समक्ष इसका मसौदा पेश करेंगे। संगोष्ठी में साइबर सुरक्षा, भ्रष्टाचार निरोधक गठजोड़, सुरक्षा परिदृश्य को खतरा और इंटरपोल की भूमिका, भारत में कारोबार, अवसर और चुनौतियां सहित अन्य अहम मुद्दों पर वैश्विक पेशेवर जासूस विचार साझा करेंगे। सिंह ने बताया कि इससे पहले 32 वर्ष पूर्व साल 1984 में यह संगोष्ठी राजधानी में आयोजित हुई थी।