वाराणसी। स्वच्छ एवं स्वस्थ भारत के लिए सफाई और शौचालय के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि शौचालय का नाम इज्जतघर देना माताओं, बहनों एवं गांव का सम्मान है। इसके अलावा स्वच्छता देश में गरीबों को बीमारी से मुक्त बनाने के साथ ही उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करेगी।
प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे के दूसरे और अंतिम दिन एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आज शहंशाहपुर में शौचालय की नींव रखने गया था। वहां मैंने देखा कि उन्होंने शौचालय का नाम इज्जतघर दिया हुआ है, मुझे बहुत अच्छा लगा, क्योंकि जहां इज्जतघर है, वहां माताओं-बहनों और गांव की इज्जत है। जिसे भी अपनी इज्जत की चिंता है, वह जरूर इज्जतघर बनाएगा।
स्वच्छता के प्रति जरूरी जागरूकता की कमी को रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा कि हममें से कोई भी व्यक्ति गंदगी में जीना पसंद नहीं करता। हर किसी को गंदगी से नफरत है और स्वच्छता हमारी जिम्मेदारी है, लेकिन यह स्वभाव हमारे देश में अभी पनपा नहीं है। हम गंदगी करेंगे और स्वच्छ कोई और करेगा, इस मानसिकता का परिणाम है कि हमें भारत को जैसा स्वच्छ बनाना चाहिए वैसा नहीं बना पा रहे हैं। आप में से कोई भी इससे इनकार नहीं कर सकता कि स्वच्छता हर नागरिक और हर परिवार की जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत का मतलब स्वस्थ भारत है और इसलिए स्वच्छता को हमारा स्वभाव बनना चाहिए। मेरे लिए स्वच्छता गरीबों की सेवा का एक माध्यम है । उन्होंने कहा कि बीमारियां बढऩे के मूल में गंदगी होती है। हाल में यूनिसेफ ने शौचालय के निर्माण को लेकर 10 हजार परिवारों का सर्वे किया। मैंने शुक्रवार को एक अखबार में पढ़ा कि अगर शौचालय घर में है तो सालाना बीमारी पर खर्च होने वाला 50 हजार रुपया बच जाएगा।
मोदी ने कहा कि उन्होंने वर्ष 2022 को आजादी के 75 साल पूरे होने पर देश के हर शहरी और ग्रामीण गरीब को घर देने का बहुत बड़ा संकल्प लिया है। उन्हें मालूम है कि उन्होंने जो बीड़ा उठाया है, वह बहुत मुश्किल है।