बिहार का छाछ, लस्सी, फ्रूट जूस और बोतलबंद पानी दिल्ली के बाजार में बिकेगा : नीतीश कुमार
पटना, (हि.स.) । बिहार में संग्रहित दूध दिल्ली में बिकेगा। सुधा दूध की तरह टेट्रा पैक में छाछ, लस्सी, फ्लेवर्ड मिल्क फ्रूट जूस एवं बोतलबंद पानी, सलील सुधा के नाम से बाजार में लाने की योजना है। प्रदेश में गंगा के किनारे पर बसे गाँवों के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा में दनियावां से बिहारशरीफ तक जैविक सब्जी को बढ़ावा देने हेतु जैविक कोरिडोर के रूप में विकसित किया जायेगा। इसके लिए मुख्यमंत्री ने वृहत्त कार्यक्रम बनाकर लागू करने का निर्देश दिया है। सब्जी की खेती के लिये फसलवार डिसमिल रकवा के आधार पर सब्जी की लागत के अनुरूप अनुदान की व्यवस्था की जायेगी ।
मुख्यमंत्री ने रविवार को यहां कृषि और पशु एवं मत्स्यपालन विभाग के कामकाज की समीक्षा के दौरान उतर-पूर्वी राज्यों में कम्फेड के द्वारा की जा रही टेट्रा पैक दूध की बिक्री की सराहना की । उन्होंने राज्य के अंदर छोटे पैक में मिल्क पाउडर एवं उतर-पूर्वी राज्यों में टेट्रा पैक के बाजार विस्तार करने का निदेश दिया गया। बिहारशरीफ डेयरी प्रोजक्ट में पिछले वर्ष हिमाचल प्रदेश के लिये फ्रूट जूस पैक किये गये। आगामी वर्षों में वहाॅ छोटे टेट्रा पैक में छाछ, लस्सी, फ्लेवर्ड मिल्क फ्रूट जूस एवं अन्य उत्पाद जैसे बोतलबंद पानी, सलील सुधा के नाम से लाने की योजना है। राज्य के बाहर दिल्ली में दूध बिहार का संग्रहित दूध का रेल टैंकर से भेजकर बाजार विस्तार करने का विचार है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि प्रथम चरण में जैविक काॅरिडोर में जैविक सब्जी और धीरे-धीरे पूरे बिहार को जैविक बनाने का प्रयास किया जाय। किसानों को फसलवार विशेषकर सब्जी के लिए समय-समय पर सलाह उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाय। जैव कीटनाशी के रूप में गो मूत्र तथा सिटी कम्पोस्ट को बढ़ावा दिया जाय। नगर विकास विभाग द्वारा प्रायोजित सिटी कम्पोस्ट उत्पादन का उपयोग किया जाय। जैविक प्रमाणीकरण के कार्य के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय को प्रमाणीकरण एजेंसी के रूप में कार्य करने हेतु भी विचार किया जाय। कृषि विज्ञान केन्द्रों में मिनी कोल्ड स्टोरेज के प्रत्यक्षण के रूप में स्थापित कर इसकी उपयोगिता के बारे में किसानों को बताया जाय।
मुख्यमंत्री ने नीरा का बोटलिंग से संबंधित अनुसंधान कार्य बिहार कृषि विश्वविद्यालय के अधीन कार्यरत उद्यान महाविद्यालय नूरसराय, नालंदा में कराकर शीघ्र नीरा उत्पादन के लिए उपलब्ध कराया जाय। पपीता, चिनिया केला तथा अमरूद के स्थानीय प्रभेदों को बढ़ावा दिये जाने का निर्देश दिया। मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना को अभियान चलाकर क्रियान्वित किया जाय। जहाँ मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी है, उन जगहों की मिट्टी के सुदृढ़ीकरण हेतु क्षेत्रवार विश्लेषण किया जाय।