एमस्टरडम : आर्थिक विकास के क्षेत्र में नीदरलैंड को भारत का स्वाभाविक साझेदार बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रेजीम (एमटीसीआर) में भारत की सदस्यता के लिए समर्थन करने को लेकर यूरोपीय देश को धन्यवाद दिया. डच प्रधानमंत्री मार्क रुत्ते के साथ भेंट से पहले मोदी ने कहा, 'दुनिया एक-दूसरे पर निर्भर है और एक-दूसरे से जुड़ी हुई है. हम द्विपक्षीय मुद्दों पर और दुनिया से जुड़े विभिन्न मसलों पर बात करेंगे.'
उन्होंने कहा, 'भारत और नीदरलैंड के बीच संबंध बहुत पुराने हैं. हमारे द्विपक्षीय संबंध बहुत मजबूत हैं.' प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और नीदरलैंड के बीच संबंध करीब एक सदी पुराना है और दोनों देश इसे मजबूत बनाने की दिशा में काम करते रहेंगे. एमटीसीआर सदस्यता के लिए भारत का समर्थन करने पर यूरोपीय देश को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा, 'आपके समर्थन के कारण ही भारत को एमटीसीआर की सदस्यता मिली है.' भारत बतौर पूर्ण सदस्य पिछले वर्ष एमटीसीआर में शामिल हुआ. एमटीसीआर सदस्यता ने भारत को अत्याधुनिक मिसाइलें खरीदने और रूस के साथ संयुक्त उपक्रमों को बेहतर बनाने में मदद की है.
मोदी ने कहा कि नीदरलैंड दुनिया में पांचवां सबसे बड़ा निवेश साझेदार है और पिछले तीन वर्षों में यह भारत के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का तीसरा सबसे बड़ा स्रोत बनकर उभरा है. संयुक्त रूप से जारी किये गये एक बयान में डच प्रधानमंत्री रुत्ते ने कहा कि वैश्विक शक्ति के रूप में भारत का उभरना 'राजनीतिक और आथर्कि दोनों दृष्टिकोण से स्वागत योग्य है.' उन्होंने कहा, 'राजनीतिक इसलिए क्योंकि हम विधि और सुरक्षा के नियमों का सम्मान करते हैं.' उन्होंने सतत संवहनीय ऊर्जा और पेरिस जलवायु समझौते के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के लिए उसकी प्रशंसा की. रुत्ते ने 'स्वच्छ भारत' और 'मेक इन इंडिया' जैसे कदमों के लिए मोदी की प्रशंसा की.
उन्होंने कहा, 'इन लक्ष्यों की प्राप्ति में भारत की मदद करनेवाले प्रमुख सहयोगियों में नीदरलैंड भी है.' उन्होंने कहा कि यूरोप भारत का सबसे बड़ा वाणिज्यिक साझेदार है और भारत के निर्यात का 20 प्रतिशत हिस्सा नीदरलैंड होकर ही जाता है. प्रधानमंत्री रुत्ते ने कहा, 'ऐसे में, भारत के लिए हम यूरोप में प्रवेश का द्वार हैं.' मोदी तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण में मंगलवार को यहां पहुंचे हैं.