रांची, (हि.स.)। राज्य के मुख्य विपक्षी दलों की बैठक नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन के कांके रोड स्थित आवास पर बुधवार को हुयी । ज़िसमे झाविमो के सुप्रिमो बाबूलाल मराण्डी कोंग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार सहित तमाम विपक्षी दल के विधायक और नेता उपस्थित थे ।
बैठक के बाद प्रेसवार्ता में नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि बजट सत्र के पहले दिन से पूर्व ही राज्यपाल को वर्तमान स्थिति से अवगत करा दिया गया है । भाजपानीत गठबंधन की सरकार विगत तीन वर्षों से जो चिंता की स्थिति बनाए हुए है इसे हर हाल में कठघरे में खड़ा करना है । सरकार में बैठे अधिकारी-पदाधिकारी सहित सीएम किस तरह से काम कर रहे हैं सब आपके सामने है । राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी सहित तमाम वरीय अधिकारियों का क्रियाकलाप चिंतनीय है ।
हेमंत सोरेन ने कहा कि विपक्ष में बैठे सभी दल को यह लग रहा है कि सरकार इन लोगों से इसी तरह काम कराती रही तो यहां के जनमानस और भी तकलीफ में रहेंगे । इसको लेकर हमलोगों ने सरकार से सवाल पूछने का काम किया कि आखिरकार किन परिस्थितियों में इन दागी अधिकारियों से काम कराया जा रहा है । हम लोग सदन से लेकर सड़क तक जनता के बीच जाकर बात रखेंगे । उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी दलों ने यह निर्णय लिया है कि 19 जनवरी को सरकार की गलत नितियों के विरोध में प्रदर्शन किया जायेगा ।
हाउस न चलने को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में हेमंत सोरेन ने कहा कि यह सरकार की जिम्मेवारी है, हम भी जनता के प्रतिनिधि है इसलिए उन्ही के द्वारा रखे गए प्रश्न हम सदन के पटल पर रखते हैं । हमलोगों ने राज्य के हित में ही हाउस में सवाल पूछे हैं । चाहे वह सीएनटी-एसपीटी का मुद्दा हो या फिर भूमि अधिग्रहण कानून । उन्होंने कहा कि सदन को चलाना केवल विपक्ष की ही जिम्मेदारी नहीं बनती ,सदन सुचारु रुप से चले यह सरकार का भी फर्ज बनता है । उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि ये (सरकार) बौद्धिक लोग है हमलोग खेतीबाड़ी और मजदूर लोग है, इन्ही बौद्धिक लोगों के चंगुल में फंसकर आज राज्य की जनता परेशान है । नियम–कानून बहुत है अगर उन्ही कानूनों को लागू किया जाता तो गरीबों के अनाज, किसान की मौत ,लोगों की जमीन नहीं छिनी जाती । सिर्फ पुल-पुलिया के लिए सरकार नहीं बनी है ।
इस मौके पर झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के अध्यक्ष और पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने कहा कि वर्ष 2003 से जिस पदाधिकारी से सरकार सवाल पूछ रही है ,17 से 18 आ गया लेकिन जवाब नहीं मिला । यह भारतीय संविधान के लिए खतरा है । उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इस मामले में जबतक उचित कदम नहीं उठाया जाता तबतक इस सरकार का विरोध होता रहेगा । झाविमो सुप्रीमो ने कहा कि ये सभी अधिकारी अपने पद का दुरूपयोग कर रहे हैं । जिस वजह से प्रदेश की छवि भी धूमिल हो रही ।
उन्होंने कहा कि मुख्यसचिव राजबाला वर्मा वर्ष 1990 से 1991 तक चाईबासा में उपायुक्त के पद पर पदस्थापित थी और उनके ही कार्यकाल के दौरान चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी हुई थी । जिसे लेकर सीबीआई द्वारा 22 बार स्पष्टीकरण मांगा गया, लेकिन उनका जवाब अब तक नहीं आया है । बावजूद सरकार उनके खिलाफ कड़े कदम नहीं उठा रही । वही प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पर भी पलामू के बकोरिया जिले में फर्जी इनकाउंटर के मामले को लेकर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं होना हास्यास्पद है । इस इनकाउंटर में 12 लोग मारे गए थे । उन्होंने कहा कि एडीजी अनुराग गुप्ता पर वर्ष 2016 में राजयसभा चुनावों के दौरान सत्ताधारी दल के प्रत्याशी के लिए कार्य करने का आरोप लगा है ,लेकिन इस मामले में भी सरकार मूक दर्शक बनी हुयी है ।
उन्होंने कहा कि जब ऐसे पुलिस पदाधिकारी ,भाजपा के कैडर के रुप में काम करेगी तो कैसे सरकार यह आशा करती है कि विपक्ष चुप रहेगी । इन तीनों को हटाए बिना कोई समझौता नहीं होगा ।