ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगातदेश की संस्कृति का प्रसार करने वाले सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर को प्रधामंत्री ने संर्जक पुरस्कार से सम्मानित किया'दंगल' फेम सुहानी भटनागर की प्रेयर मीट में पहुंचीं बबीता फोगाट
झारखंड
सदान मोर्चा के जिला स्तरीय सम्मेलन में उमड़ी भीड़
By Deshwani | Publish Date: 11/12/2017 10:35:00 AM
सदान मोर्चा के जिला स्तरीय सम्मेलन में उमड़ी भीड़

खूंटी, (हि.स.)| सदान मोर्चा के केन्द्रीय अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि राजनीतिक दल गैर आदिवासियों को सिर्फ वोट बैंक समझने की भूल न करें। सदान किसी को गद्दी पर बैठा सकते हैं, तो उन्हें धूल भी चटा सकते हैं। प्रसाद रविवार को सदान मोर्चा खूंटी जिला समिति द्वारा स्थानीय डाक बंगला परिसर में आयोजित सदान सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन में जिले के हर क्षेत्र से सदान पहुंचे थे। सदान मोर्चा के केन्द्रीय अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद ने दीप प्रज्वलित कर सम्मेलन का उद्घाटन किया। मुख्य अतिथि ने कहा कि झारखंड सदान बहुल राज्य है। सदान यहीं के मूल निवासी हैं। हमारी भाषा, रहन-सहन सभी जनजाति समाज के जैसे ही हैं लेकिन फिर भी हम उपेक्षित है । सदान शैक्षणिक, आर्थिक, राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी पिछड़े हुए हैं । उन्होंने कहा कि बहुसंख्यक सदानों की उपेक्षा कर राज्य के विकास की कल्पना नही की जा सकती। झारखण्ड सदान बहुल राज्य होने के बावजूद सदान हमेषा से उपेक्षित है । राजनीति के बिना समाज का विकास नहीं हो सकता, लेकिन हमारे लिए दुर्भाग्य की बात है 112 प्रखंडों में सदान मुखिया, प्रमुख, जिला परिषद अध्यक्ष, विधायक, सांसद नहीं बन सकते। सामान्य सीटों पर भी स्थानीय सदानों को चुनाव लड़ने का मौका राजनीतिक दल नहीं देते, बल्कि बाहर से उम्मीदवार थोपे जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में नीति निर्धारण आयोग से लेकर शैक्षणिक संस्थान के अध्यक्ष, सचिव सदस्य तक बाहरी लोगों को ही बनाया जाता रहा है। अब सदानों को अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए पहले माटी फिर पार्टी की नीति अपनानी होगी। उन्होंने कहा कि वोट देकर हम सांसद विधायक बनाते हैं, लेकिन वे हमारे हित की बात कभी नही सोचते। सदानों को जनजाति समाज से सीख लेनी चाहिए कि वे अपने अधिकारों के प्रति कितना सचेत और संगठित है, लेकिन हम बहुसंख्यक होने के बाद भी चिंता मुक्त हैं। हमें भी संगठित होने की जरूरत है। प्रसाद ने कहा कि जयपाल सिंह मुंडा ने माना था कि सदानों के सहयोग के बिना अलग राज्य की निर्माण नहीं हो सकता है। अलग राज्य की निर्माण में सदानों की महत्वपूर्ण भूमिका है लेकिन अलग राज्य बनने के बाद राज्य में बननी वाली सभी सरकारें ने सदानों को दर किनार कर दिया।
प्रसाद ने कहा कुछ लोग सदानों के वोट को बन्धुवा मजदूर समझते हैं, उन्होंने चेताते हुए वैसे लोगों से कहा वे ऐसा सोच कर अपने राजनीतिक भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। सरकार की गलत नीतियों के कारण खूंटी सहित अन्य सात जिलों में पिछड़ी जाति का आरक्षण शून्य कर दिया गया। मोर्चा अध्यक्ष ने कहा राजनीतिक दलों को सदानों के प्रति नीति स्पष्ट करनी होगी। मौके पर केंद्रीय अध्यक्ष ने लक्ष्मी नारायण प्रसाद को छोटानागपुर का प्रभारी बनाने की घोषणा की। केन्द्रीय समिति के सलाहकार षिक्षाविद डाॅ रामप्रसाद ने कहा कि शिक्षा पर भी ध्यान देते हुए छात्रों को अधिकार के प्रति सचेत रहना होगा। उन्होंने सदान आयोग का गठन करने का मांग की है। 
मोर्चा के केन्द्रीय प्रवक्ता डाॅ सुदेश कुमार ने कहा कि भाजपा सरकार बनाने में सदान मोर्चा का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, लेकिन मोर्चा के साथ वादा खिलाफी की गई। खूंटी जिला संरक्षक किषोर गंझू ने परिसीमन आयोग का निर्णय लागू करने का मांग सरकार से की। लक्ष्मी नारायण प्रसाद ने कहा कि झारखण्ड में पिछड़ी जाति के अनुपात में 36 प्रतिशत आरक्षण और आर्थिक रूप से कमजोर खतियानी उच्च वर्ग के लोंगों को भी तीन प्रतिषत आरक्षण देने की मांग सरकार से की। युवा मोर्चा के प्रदेष अध्यक्ष संयूम अंसारी ने कहा कि केंद्रीय अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद ने सदानों के अधिकारों के लिए कड़ा संघर्ष किया है। जो लोग मंत्री पद में रहते हुए पिछड़ी जाति का आरक्षण घटाया, आज वही लोग आरक्षण बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। सम्मेलन को मोर्चा के केंद्रीय नेता बासुदेव प्रसाद, मयंक सिंह, विवेकानंद राय, राजकुमार शाही, ब्रजेष कुमार आदि ने भी संबोधित किया।
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS