झारखंड
पुरुलिया में उद्योगों को बचाने का प्रयास करेगा प्रशासन
By Deshwani | Publish Date: 20/8/2017 11:03:32 AMपुरुलिया, (हि.स.)। जिते में बुरी स्थिति से गुजर रहे उद्योगों को बचाने के लिए पुरुलिया प्रशासन प्रयास करेगा। यहां के उद्योग के मामले में कभी बलरामपुर एवं बाघमुण्डि इलाके प्रसिद्ध हुआ करते थे, इसलिए प्रशासन ने उद्योगों को बचाने के लिए उनके आधुनिकीकरण के लिए जिले के बरलामपुर में 4 करोड़ 14 लाख 53 हजार रुपये की लागत से एक कार्यशाला आयोजित करेगा।
प्रशासन के अनुसार आनुमानिक तौर पर 123 यूनिट के कार्यशाला में 1600 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। बता दें कि जिले के बलरामपुर की लाक्षा (एक तरह के कीड़े जो कीटों से उत्पन्न होता है उसका व्यवहार रंग के रूप में किया जाता है) यूरोप, जर्मन, फ्रांस सहित कई मुस्लिम देशों तथा विदेशों में निर्यात किया जाता था। वर्तमान समय में इसके उत्पादन कम होने से देश तथा राज्य की आमदनी में कमी आई है। इसे देखते हुए राज्य सरकार हरेक साल 50 कुंतल लाक्षा के बीज मुफ्त वितरण करने का निर्णय लिया है।
पुरुलिया जिला उद्योग के प्रमुख अधिकारी प्रणव नस्कर का कहना है कि 2017 साल में परियोजना पूरी करने की कोशिश की जा रही है। सरकार की ओर से पर्याप्त राशि आवंटित की गई है। ‘लाक्षा’ की मांग वर्तमान बाजार में अधिक है। आशा है कि पहले की तरह उत्पादन करके इस उद्योग को पुनर्जीवित किया जाएगा। जिससे राज्य तथा देश को पहले की तरह लाभ मिलेगा। बन्दोयान, बलरामपुर, मानबाजार बड़ाबाजार के अलावा झालदा, जयपुर के जंगलों में अधिक ‘लाक्षा’ की खेती की सम्भावना है। उन्होंने कहा कि इस उद्योग तथा व्यवसाय में स्थानीय लोगों को जोड़कर जिले को आर्थिक लाभ दिया जा सकता है। इसके बाद यहां अधिक से अधिक ‘लाक्षा’ उद्योग स्थापित किया जा सकता है। जिला अधिकारी भी बताते हैं कि जिले में मीठा अनारस का उत्पादन किया जाता है, जो देश के बड़े शहरों में निर्यात किया जाता है। इस तरह के उद्योगों को बढ़ावा देने की प्रशासन पुरजोर कोशिश कर रहा है।