अंतरराष्ट्रीय
भारत के नेलोंग इलाके पर चीन की कुदृष्टि
By Deshwani | Publish Date: 19/1/2018 5:41:01 PMबीजिंग (हि.स.)। डोकलाम विवाद शांत होने के बावजूद चीन की विस्तारवादी मंशा समाप्त नहीं हुई है। अब उसकी नजर उत्तराखंड के नेलोंग क्षेत्र पर है जिसे वह विवादित क्षेत्र बता रहा है। यह जानकारी शुक्रवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
नेलोंग इलाके को भी चीन विवादित बता रहा है क्योंकि सीमांकन के लिए वैश्विक रूप से स्वीकार किए जा रहे 'वाटरशेड' यानी जल विभाजन के सिद्धांत को चीन मानने से इंकार करता रहा है।
नेलोंग में पुलाम समुदा के बाद त्सांगछोक दर्रे के पास जलीय इलाका है।भारत-तिब्बत सीमा पर स्थित उत्तरकाशी जिले की नेलोंग घाटी एक खूबसूरत पर्यटन स्थल भी है। उत्तरकाशी से 90 किलोमीटर दूर स्थित भैरोघाटी से नेलोंग घाटी के लिए सड़क जाती है। भैरव घाटी से 27 किलोमीटर दूर नेलोंग स्थान पड़ता है। यहां आईटीबीपी और सेना का कैंप है।
इसके दूसरी तरफ, तिब्बती इलाके में चीन भारी निवेश कर रहा है। उसका मानना है कि निवेश से इस इलाके की गरीबी दूर होगी। लेकिन भारतीय क्षेत्र में चल रहे सड़क निर्माण का विरोध करता है और विवादित बताता है।
दरअसल, चीन इस बात को पचा नहीं पा रहा है कि डोकलाम सेक्टर में उसके सड़क बनाने के प्रयास में भारत ने अड़ंगा लगा दिया। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की वेबसाइट ने विशेषज्ञों के हवाले से कहा है कि चीन की अगली बार बेहतर तैयारी रहेगी। इससे साफ जाहिर होता है कि चीन सीमा पर कई जगहों पर तनाव उत्पन्न कर सकता है।
विदित हो कि समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह की हाल में नेलोंग घाटी की यात्रा का विरोध किया है। इस दौरे में राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा था, ‘' कई सीमा चौकियों को सड़कों से जोड़ दिया गया है और कई को जल्दी जोड़ा जाएगा। इससे अधिकारियों के लिए काम करना आसान होगा।”
इस पर एक चीनी विशेषज्ञ ने चेतावनी है कि भारत-चीन सीमा पर चौकियों को जोड़ने के लिए भारत द्वारा बनाई जा रही सड़कों से दोनों देशों के बीच फिर से सैन्य टकराव की स्थिति बन सकती है।
चीन राजनाथ सिंह के बयान से नाराज है, जबकि इस मामले में वह खुद दोहरा रवैया अपनाता रहा है। मैकमोहन रेखा के उस तरफ तो चीन खुद खूब सड़कें बनवा रहा है, लेकिन भारतीय सीमा में बनने वाली सड़कों का वह विरोध करता रहा है।