बर्लिन, (हि.स.)। जर्मनी में गठबंधन सरकार नहीं बन पाने से राजनीतिक संकट काफी गहरा गया है। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल भी अल्पमत सरकार का नेतृत्व करने की बजाय देश में दोबारा चुनाव कराए जाने के पक्ष में हैं। यह जानकारी मंगलवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
बीबीसी के अनुसार, मर्केल ने कहा कि गठबंधन सरकार बनाने के लिए बातचीत बेनतीजा रही, लेकिन उन्हें अपने पद से इस्तीफा देने का कोई कारण नहीं दिख रहा है।
विदित हो कि रविवार शाम उदारवादी फ्री डेमोक्रेट पार्टी (एफडीपी) ने बातचीत से बाहर जाने का फैसला किया था।जर्मनी के राष्ट्रपति फ़्रैंक-वॉल्टर स्टाइनमायर ने सभी राजनीतिक पार्टियों से अपील की है कि वे "अपने फ़ैसलों पर दोबारा विचार" करें। उन्होंने पार्टियों से जर्मनी की भलाई के लिए समझौता करने की अपील की और कहा कि देश अभूतपूर्व स्थिति से गुजर रहा है।
दरअसल, स्टाइनमायर फिर से चुनाव कराए जाने को अंतिम रास्ते के रूप में देख रहे हैं। उन्होंने सोमवार को एक छोटे भाषण में नेताओं से कहा कि उनकी भी एक जिम्मेदारी है जिसे वापस मतदाताओं को नहीं सौंपा जाना चाहिए।
वैसे 12 साल से जर्मनी की चांसलर रहीं एंगेला मर्केल के सामने यह अब तक की सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने जर्मन टेलीविज़न एआरडी से कहा, " जितना हमने सोचा था, नई सरकार बनाने का रास्ता उससे कहीं अधिक मुश्किल साबित हो रहा है।"
उन्होंने गठबंधन सरकार बनने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया, लेकिन कहा, "मैं नहीं कहती कि ऐसा कभी नहीं होगा, लेकिन मैं इस बात को लेकर अभी स्पष्ट नहीं हूं। मुझे लगता है कि फिर से चुनाव कराना ही बेहतर होगा।"
एक साक्षात्कार में मर्केल ने कहा कि जर्मनी को एक स्थायी सरकारी की ज़रूरत है "जिसे हर मामले में फ़ैसला लेने के लिए बहुमत हासिल ना करना पड़े।"
मर्केल की पार्टी सीडीयू के कुछ लोगों को उम्मीद है कि सोशल डेमोक्रेट पार्टी (एसपीडी) के साथ मिल कर गठबंधन सरकार बनाना अब भी संभव है, लेकिन पार्टी ने बार-बार इस विकल्प से इंकार किया है।
इससे पहले सोमवार को सोशल डेमोक्रेट पार्टी के नेता मार्टिन शुल्त्ज़ ने कहा था कि "उनकी पार्टी फिर हाने वाले चुनावों से नहीं डरती है।"
एसपीडी के साथ एक बार फिर से गठबंधन की संभावना के बारे में मर्केल ने जेडडीएफ को दिए अपने इंटरव्यू में बताया कि वो राष्ट्रपति स्टाइनमायर और एसपीडी के नेताओं के बीच होने वाली बातचीत की प्रतीक्षा कर रही हैं।
जर्मनी में अगर दोबारा चुनाव कराने की नौबत आई तो इसके लिए राष्ट्रपति स्टाइनमायर को फ़ैसला लेना होगा। इससे पहले एक लंबी प्रक्रिया अपनाई जाएगी जो कई महीने चल सकती है।
इसी साल सितंबर में हुए चुनाव में मर्केल की पार्टी ने चुनाव में जीत हासिल की थी जिसमें मुख्य पार्टियों के अलावा बाकी पार्टियों को भी वोट मिले जिसकी वजह से बहुमत सरकार नहीं बन पाई।