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कनाडा उच्चायोग में दक्षिण भारत की पहली महिला टैक्सी ड्राइवर पर बनी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग
By Deshwani | Publish Date: 7/12/2017 4:45:17 PM
कनाडा उच्चायोग में दक्षिण भारत की पहली महिला टैक्सी ड्राइवर पर बनी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग

 नई दिल्ली, (हिस)। दिल्ली में स्थित कनाडा उच्चायोग भारत में बालिका एवं महिला सशक्तिकरण को लेकर अपने अनोखे अभियान के पूरा होने का जश्न मना रहा है। इस क्रम में कनाडा उच्चायोग भारतीय महिला पर बनी डॉक्यूमेंट्री 'ड्रॉइविंग विद सेल्वी' का प्रदर्शन करेगा। इस वृत्तचित्र के प्रदर्शन के लिए कनाडा उच्चायोग ने 25 दिवसीय बस यात्रा का आयोजन किया था। 

 
'ड्रॉइविंग विद सेल्वी' एक पूर्व बाल दुल्हन और घरेलू दुर्व्यवहार के शिकार भारतीय लड़की सेल्वी पर आधारित वृत्तचित्र है, जिसे कनाडाई फिल्म निर्माता एलिसा पालोस्ची ने बनाया है। सेल्वी दक्षिण भारत की पहली महिला ट्रैक्सी ड्राइवर बनती है। इसके लिए एलिसा पालोस्ची ने उस महिला टैक्सी ड्राइवर सेल्वी के 10 साल से अधिक समय तक के काल को निराशा से उम्मीद की यात्रा के रूप में दर्शाया है। इस वृत्तचित्र को 100 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में प्रदर्शित किया गया है, और एलिसा एवं सेल्वी ने विदेशों में 15 से अधिक शहरों में इस वृत्तचित्र का प्रदर्शन किया है। सेल्वी का चयन महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा 'प्रथम अचीवर्स' पुरस्कार के लिए किया गया है। अंतर्राष्ट्रीय वृत्तचित्र महोत्सव एम्स्टर्डम, मुंबई फिल्म महोत्सव और न्यूजीलैंड फिल्म समारोह में इसका प्रदर्शन किया जा चुका है। इस वृत्तचित्र का प्रसारण नीदरलैंड, जॉर्डन, पेरू, केन्या और यूएसए सहित कई देशों में किया जा चुका है। 
 
2004 में, सेल्वी लड़कियों के लिए बनाए आश्रय से भाग निकलती है। अठारह साल की उम्र में उसकी जबरदस्ती शादी कर दी जाती है। लेकिन सेल्वी की शादीशुदा जिंदगी घरेलू हिंसा से भरपूर होती है। एक दिन, निराशा में, वह भागने का चुनाव करती है और दक्षिण भारत की पहली महिला टैक्सी चालक बन जाती है। इसके साथ ही सेल्वी घरेलू हिंसा वाली बालिका वधू से एक सशक्त कामकाजी महिला के रूप में बदल जाती है। इस तरह यह एक आकर्षक, मजबूत और पूरी तरह से साहसी युवा महिला की यात्रा है, जो एक नया जीवन बनाने के लिए अनुभव किए गए दर्द से आगे बढ़ रही है।
 
यह फिल्म वर्तमान में 25-दिवसीय बस-यात्रा पर है जिसमें महिला सशक्तिकरण पर एक सामाजिक प्रभाव अभियान के भाग के रूप में भारत के उत्तरी और दक्षिण भाग को कवर किया गया है। यह अभियान एलीसा और सेल्वी द्वारा संचालित है और कई स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोगियों द्वारा समर्थित है।
 
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