नई दिल्ली, (हि.स.)। देश में संचालित 14 घरेलू विमानन कंपनियों में शामिल सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया भले ही यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए नई-नई पहल कर रही है बावजूद इसके जुलाई में विमानन कंपनी घरेलू उड़ानों के रद्द होने के मामले में सबसे ज्यादा खराब रहा है। वहीं जून के मुकाबले इस अवधि में हवाई यात्रा करने वालों में भी 30 हजार की वृद्धि हुई है।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के आँकड़ों के अनुसार जुलाई में घरेलू विमानन क्षेत्र में औसतन 0.79 प्रतिशत उड़ानें रद्द हुईं। इसमें जूम एयर के 75.81 प्रतिशत और ट्रूजेट के 3.70 प्रतिशत के बाद एयर इंडिया का स्थान रहा जो बड़ी विमानन सेवा कंपनियों में सबसे अधिक है। उसकी 1.60 प्रतिशत उड़ानें रद्द हुईं। इनके बाद क्रमश: विस्तारा 0.76 प्रतिशत, गो एयर 0.47 प्रतिशत और इंडिगो 0.45 प्रतिशत का स्थान रहा। एयर एशिया की 0.32 प्रतिशत और स्पाइसजेट की 0.40 प्रतिशत उड़ानें रद्द हुईं। रिपोर्ट में उड़ानों के रद्द होने का मुख्य कारण तकनीकी खराबी रहा है। कुल 54.2 प्रतिशत उड़ानें तकनीकी कारणों से, 6.7 प्रतिशत मौसम की वजह से, 3.3 प्रतिशत परिचालन संबंधी कारणों से और 34.9 प्रतिशत विभिन्न कारणों से रद्द हुई हैं।
ऑन टाइम परफारमेंस के लिहाज से देखें तो जुलाई में इंडिगो की 84.6 प्रतिशत, गो एयरवेज की 78.2 प्रतिशत, विस्तारा की 74.5 प्रतिशत, स्पाइस जेट की 73.4 प्रतिशत, एयर इंडिया की 65.5 प्रतिशत, जेट एयरवेज और जेट लाइट की 64.2 प्रतिशत विमान दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरू के लिए समय पर रवाना हो सकीं। जबकि जून में इंडिगो की 86.1 प्रतिशत, गो एयरवेज की 75.9 प्रतिशत, विस्तारा की 80.8 प्रतिशत, स्पाइस जेट की 79.8 प्रतिशत, एयर इंडिया की 69.9 प्रतिशत, जेट एयरवेज और जेट लाइट की 70.4 प्रतिशत विमान अपने निर्धारित समय पर चार मुख्य शहरों के लिए रवाना हुई थीं। ऑन टाइम परफारमेंस में गिरावट का मुख्य कारण रिएक्शनरी और एयर ट्रैफिक कंट्रोल रहा।
रिपोर्ट में बताया गया है कि जून में 38.26 लाख मुसाफिरों ने यात्रा के लिए इंडिगो एयरलाइंस को चुना। वहीं जुलाई ने इंडिगो एयरलाइंस की तरफ रुख करने वाले मुसाफिरों की संख्या घटकर 36.99 रह गई। इंडिगो एयरलाइंस का मार्केट शेयर 40 से घटकर 38 फीसदी रह गया। वहीं अन्य विमानन कंपनियों के प्रदर्शन पर नजर डालें तो गत वर्ष जुलाई की अपेक्षा इस वर्ष 12.43 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के साथ कुल 95.65 लाख लोगों ने हवाई सफर किया।