नई दिल्ली, (हि.स.)। वर्तमान समय में हर्बल उत्पादों की बढ़ती मांग के कारण देश के विभिन्न क्षेत्रों में किसान परंपरागत खेती के अलावा औषधीय और जड़ी-बूटियों की तरफ भी अपना रुख कर रहे हैं। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) योजना के अधीन भारत सरकार ने किसानों को सब्सिडी दी है ताकि जड़ी-बूटियों और औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहित किया जा सके।
इस योजना के तहत किसान औषधीय खेती करके अपनी आमदनी बढ़ा सकें, इसके लिए एनएएम योजना के खाद्य प्रसंस्करण विभाग यहां औषधीय खेती को बढ़ावा देने के लिए काम किया जा रहा है। इसमें औषधीय खेती के लिए किसानों को अनुदान दिया जा रहा है।
योजना के दिशा-निर्देशों के मुताबिक उत्तर पूर्वी और पहाड़ी राज्यों जैसे हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू और कश्मीर को वित्तीय सहायता 90:10 के अनुपात में प्रदान की जाएगी वहीं अन्य राज्यों में यह 60:40 के अनुपात में दी जायेगी ।
वर्तमान समय में 140 औषधीय पौधों की प्रजातियों को देश भर में खेती करने के लिए प्राथमिकता दी गई है । इस योजना के तहत सर्पगन्धा, अश्वगंधा, ब्राम्ही, कालमेघ, कौंच, सतावरी, तुलसी, एलोवेरा, वच और आर्टीमीशिया जैसे औषधीय पौधों की खेती के लिए सरकार की तरफ से अनुदान दिया जा रहा है।
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों के पास अपने नाम से कम से कम एक एकड़ खेती की जमीन, खेत के पास सिंचाई साधन, किसान के पास बैंक में खाता और चेकबुक के साथ ही अपनी पहचान के लिए वोटर आईकार्ड, राशन कार्ड, आधार कार्ड या पासपोर्ट में से कोई एक होना चाहिए।