बिहार
फिजियोथेरेपी काउंसिल बनाने पर गंभीरता से विचार करेगी सरकार : मंगल पांडेय
By Deshwani | Publish Date: 25/2/2018 7:21:45 PM-दो दिवसीय फिजीकॉन समिट 2018 सफलतापूर्वक संपन्न
पटना। देशवाणी न्यूज नेटवर्क
ऑल इंडिया फिजियोथेरेपिस्ट एसोसिएशन द्वारा आयोजित 18वें फिजीकॉन समिट 2018 के दूसरे दिन रविवार को समापन सत्र के दौरान पटना के ज्ञान भवन में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि चिकित्सा विज्ञान में आज फिजियोथेरेपी का बहुत अधिक महत्व है। फिजियोथेरेपिस्ट लोगों की सेवा समर्पण भाव से करते हैं। मगर आज भी सरकारी उपक्रम से बाहर हैं। मुझे लगता है कि इस चिकित्सा पद्धति के लिए भी रेगुलेशन के लिए एक मानक जरूरत है। सैद्धांतिक रूप से और व्यक्तिगत रूप से भी हम इसको महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि यह ऐसी चिकित्सा पद्धति है, जिसमें न ऑपरेशन की जरूरत होती है और न ही दवा की। इसका उपयोग तो ऑपरेशन के बाद होता है। इसलिए गुणवत्ता पूर्ण चिकित्सा और शिक्षा के लिए फिजियोथेरेपी काउंसिल समय की मांग है, इस बारे में हम अपने विभाग में गंभीरता से बात करेंगे। उन्होंने डॉक्टरों को संबोधित करते हुए कहा कि वे फिजियोथेरेपी की शिक्षा और चिकित्सा में गुणवत्ता से समझौता नहीं करें।
वहीं, पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री सह सांसद पद्मश्री डॉ सी पी ठाकुर ने भी फिजीकॉन समिट 2018 को संबोधित किया और कहा कि फिजियोथेरेपी अच्छा है, मगर ओवर फिजियोथेरेपी से मरीजों को नुकसान हो सकता है। जहां तक बात रही फिजियोथेरेपी काउंसिल की, तो जब मैं केंद्र सरकार में मंत्री था, तब मैंने इस ओर काम की शुरूआत की थी। मगर सरकार बदलने के बाद सब ठंडे बस्ते में चला गया। इस दौरान विधान पार्षद सह जदयू नेता रणवीर नंदन ने कहा कि यह संवेदनाओं का पेश है। आज 100 लोगों में से 20 को फिजियोथेरेपी की आवश्यकता है। इसके लिए मैंने सदन में भी मांग उठाई थी, जिसके बाद 67 पोस्ट सेंगसन हुआ। उम्मीद है जल्द ही उस पर नियुक्ति भी हो जायेगी। हम प्रयास करेंगे कि अनुमंडल स्तर पर फिजियोथेरेपिस्ट की बहाली हो। ऑल इंडिया फिजियोथेरेपिस्ट एसोसिएशन की ब्रांड एंबेस्डर नीतू खोसला ने भी फिजियोथेरेपी के महत्व पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही अपने जीवन के कुछ अनुभवों को भी शेयर किया। इसके अलावा आईजीआईएमएस के डायरेक्टर डॉ एन आर विश्वास, डॉ एम बी प्रियदर्शी, पटना यूनिवर्सिटी के वायस चांसलर प्रो. रास बिहारी सिंह, डॉ ई. पलवी, डॉ रमित रंजन ने भी फिजियोथेरेपी के महत्व पर विस्तार से चर्चा की और इसे समय की मांग बताया। साथ ही इसके लिए फिजियोथेरेपी काउंसिल की मांग की।
इस दौरान ऑल इंडिया फिजियोथेरेपिस्ट एसोसिएशन के डॉ ए के सोनी ने कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य देश में लोगों को बिना दवा के दर्द की समस्या से निजात के लिए फिजियोथेरेपी के लिए जागरूकता लाना है। फिजियोथेरेपी का कोई साइड इफैक्ट नहीं होता है। इस दौरान उन्होंने फिजियोथेरेपी काउंसिल की स्थापना की बात को प्रमुखता से रखा। उन्होंने कहा कि मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया की तरह फिजियोथेरेपी काउंसिल की भी स्थापना आज समय की मांग है। इसके नहीं होने से मरीजों और इस क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाले छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ा है। साथ ही सरकारी अस्पतालों में भी फिजियोथेरेपिस्ट की बहाली हो। उन्होंने कहा कि आज कल की भागदौड़ वाली जिंदगी में बीमारियां बढ़ गई हैं। ऐसे में ऑल इंडिया फिजियोथेरेपिस्ट एसोसिएशन द्वारा दो दिनों का यह समिट का आयोजन किया गया है, जिसमें लोगों को भौतिक चिकित्सका की जानकारी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि आज हमने शपथ लिया है कि भारत को दर्द मुक्त बनाया जायेगा।
वहीं, दो दिवसीय फिजीकॉन समिट 2018 में ऑल इंडिया फिजियोथेरेपिस्ट एसोसिएशन के जेनरल सेक्रेटरी डॉ जी सुधाकरण ने एक क्विज का भी आयोजन किया। इसके अलावा देश भर से आये डॉक्टर ने इस दौरान अपना व्याख्यान दिया। बाद में ऑल इंडिया फिजियोथेरेपिस्ट एसोसिएशन के चेयरमैन ए के सोनी ने सबका धन्यवाद ज्ञापन किया। फिजीकॉन समिट 2018 के पहले दिन देश – विदेश से आये डॉक्टरों ने अपना व्याख्यान दिया और दर्द से छुटाकरे के बारे में विस्तार से चर्चा की।