बिहार
सलाह: आम व लीची पर तीन बार करें कीटनाशक दवाओं का छिड़काव
By Deshwani | Publish Date: 24/2/2018 7:46:23 PMपीपरकोठी। माला सिन्हा
यह वर्ष आम और लीची के उत्पादन का फलत वर्ष है. अगर किसान अपने बगीचे के आम और लीची के पौधे का उचित देखभाल करें तो अच्छे उत्पादन के साथ अच्छी आमदनी कर सकते हैं. उक्त बातें कृषि विज्ञान केंद्र के कार्यक्रम समन्वयक डॉ केके झा ने कही. आगे कहा कि बगीचे में आम और लीची के पेड़ों में मंजर निकलना आरंभ हो गया है. मंजर निकलने के पूर्व ही कीटनाशी दवाओं का छिड़काव करना आवश्यक है. इस संबंध में कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक आरबी शर्मा ने बताया कि आम के पेड़ों में मंजर निकलने के पहले से ही पानी नहीं देना चाहिए, लेकिन जब आम का टिकोला मटर के आकार का हो जाये तब सिंचाई करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि डैमेथोएट 30 प्रतिशत 1.5 एमएल प्रति लीटर पानी, मोनोक्रोटोफास 36 प्रतिशत एक एमएल एक लीटर पानी तथा इमिडा क्लोफ्री 17.8 एमएल एक एमएल दवा प्रति लीटर पानी के हिसाब से इनमें से कोई एक कीटनाशी दवाओं में से एक दवा को एक एमएल दवा को पानी मे घोलकर मंजर निकलने के पूर्व पहला छिड़काव करें. जबकि दूसरा छिड़काव मंजर निकलने के बाद करें, लेकिन फूल खिलने के पूर्व ही करना है. वहीं तीसरा छिड़काव फल जब मटर के दाने के आकार का हो जाये तब करें. उन्होंने कहा कि पूर्ण रूप से मंजर में पूर्णरूपेण फूल आ जाये तो कीटनाशी दवा का छिड़काव करना नुकसानदेह होगा. क्योकि इस अवस्था में लाभकारी कीट द्वारा पर परागण की क्रिया होती है, जो फल धारण करने में सहायक सिद्ध होता है.