पटना, (हि.स.)। एनटीपीसी ने बिहार उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी से कहा कि यदि राज्य सरकार बिजली का समय से भुगतान करे तो सालाना 160 करोड़ की बचत हो सकती है। पिछले दो महीने में सरकार को 39 करोड़ रुपये का भुगतान विलम्ब शुल्क के तौर पर करना पड़ा है।
मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय स्थित सभाकक्ष में केन्द्रीय प्रक्षेत्र के लोक उपक्रमों व प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों के साथ हुई बजट पूर्व बैठक बुलायी गयी थी। केन्द्र सरकार की एजेंसियों ने राज्य में भूमि अभिलेख को कम्प्यूटरीकृत व अद्यतन करने, कृषि लोन के लिए गारंटी फंड बनाने, कृषि बाजार समिति की जमीन गोदाम निर्माण के लिए उपलब्ध कराने, हवाई यात्रियों की सुविधा के लिए पटना एयरपोर्ट के आस-पास होटल का निर्माण करने, एटीएफ (हवाई जहाज के ईंधन) पर टैक्स कम करने, सड़कों व फ्लाईओवर पर आॅपटिकल फाइवर बिछाने के लिए पाइप लगाने, किरासन उपभोक्ताओं को भी डीबीटी के जरिए अनुदान का लाभ देने आदि का सुझाव दिया।
मोदी के अनुसार आरईसी के प्रतिनिधि ने भुगतान प्रक्रिया के सरलीकरण का सुझाव दिया। बीएसएनएल का सुझाव था कि पटना सहित राज्य के अन्य हिस्सों में बन रहे फ्लाईओवर और सड़कों के किनारे पाइप बिछाया जाय जिसमें आसानी से आॅपटिकल फाइवर के वायर डाला जा सके। एनएचएआई ने बालू-पत्थर की कमी दूर करने का सुझाव दिया।
उप मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद बताया कि गेल इंडिया के प्रतिनिधि ने विभिन्न तरह के अनापत्ति प्रमाण पत्रों के लिए सिंगल विंडो की व्यवस्था का सुझाव दिया। वेयरहाउस काॅरपोरेशन ने बिहार में भंडारण क्षमता के सृजन के लिए राज्य सरकार से खाली पड़ी कृषि बाजार समितियों की जमीन उपलब्ध कराने का सुझाव दिया।
विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधियों ने कृषि ऋण गारंटी फंड बनाने, कृषि प्रक्षेत्र के कर्ज पर भी उद्योग की तरह कैपिटल अनुदान की जगह ब्याज अनुदान देने, केसीसी घारक किसानों को समय से ऋण वापसी कर ब्याज अनुदान का लाभ लेने के लिए प्रेरित करने तथा प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना सभी 18 से 70 वर्ष के खाताधारकों के लिए अनिवार्य करने का सुझाव दिया।
बैठक में वित्त विभाग के प्रधान सचिव सुजाता चतुर्वेदी, सचिव राहुल सिंह के अलावा बीएसएनल, गेल इंडिया लि. आरईसी, एनटीपीसी, ईईएसएल, एनएचएआई और सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।