छोटू जायसवाल को गोलीमारी तब था मौजूद, पीछे-पीछे नर्सिंग होम पहुंचा फिर दाह संस्कार में भी शरीक हुआ गोलू डी
मोतिहारी। कांग्रेस नेता मुनमुन जायसवाल के पुत्र छोटू जायसवाल को बीते 25 नवम्बर को गोली मारी गयी। उसके पहले ही शहर के मिस्कॉट निवासी गाेलू डी उर्फ आदित्य घटनास्थल ज्ञानबाबू चौक पर पहुंच चुका था। जब छोटू को निजी नर्सिंग होम में ले जाया गया। तब गोलू डी भी नर्सिंग होम तक पहुंचा। इतना ही नहीं उसके पोस्टमॉर्टम व दाह संस्कार में भी गोलू डी शरीक हुआ था। गोलू डी ने पुलिस के सामने उपरोक्त सभी बातें खुद ही कबूल की हैं। चर्चित छोटू जायसवाल हत्याकांड का सिलसिलेवार ब्योरा उसने पुलिस के सामने अपने स्वीकारोक्ति बयान में दर्ज कराएं हैं। जिले के पुलिस प्रशासन ने उसे 48 घंटे के रिमाण्ड पर लिया था। एसपी उपेन्द्र कुमार शर्मा व डीएसपी पंकज रावत ने उससे पूछताछ की है। यहां बता दें कि गोलू डी का नाम इस हत्याकांड में पुलिस जांच के बाद आई थी। पुलिस दबिश के कारण उसने सीजीएम के समक्ष अत्मसमर्पण कर दिया था। पुलिस ने इस हत्याकांड की अन्य गुत्थियों को सुलझाने के लिए उसके रिमाण्ड की मांग की थी।
-गोलू डी का पुलिस के सामने दिया गया बयान
गोलू डी ने पुलिस को बताया है कि 25 नवम्बर घटनावाले दिन जब वह ज्ञानबाबू चौक पर पहुंचा। उसके पहले ही चिरैया के मोहद्दीपुर निवासी सुबोध यादव, वार्ड संख्या 1 के पार्षद चंदन कुमार,देवा गुप्ता व रंजीत पासवान पहुंच चुके थें। उसके वहां पहुंचने के बाद ही सुबोध यादव ने छोटू जायसवाल को ह्वाट्सएप कॉलिंग कर शहर के ज्ञानबाबू चौक के पास चाय की दुकान पर बुलाया। फिर सिगरेट सिंह व सुमन सौरभ ने छोटू जायसवाल को गोली मारी। उसके बाद वह सुबोध यादव के साथ अपाची बाइक से छतौनी चौक तक गया। वहां से सुबोध यादव अपाची बाइक से अपने घर चिरैया के मोहद्दीपुर के लिए रवाना हो गया।
-नर्सिंग होम में गया, पोस्टमॉर्ट के समय रहा मौजूद, फिर दाह संस्कार में भी हुआ शामिल
गोलू ने बताया कि इसके बाद वह निजी नर्सिंग होम में छोटू की स्थिति जानने को गया। उसके परिजन की एक्टिविटी क्या है? यह भी पता लगाया। सदर अस्पताल में पोस्टमॉर्टम को देख रही भीड़ में भी वह शामिल रहा। फिर छोटू जायसवाल के दाह संस्कार में भी उसके शुभेच्छु की तरह शामिल हुआ। दाह संस्कार से जब लौटा तो उसे पता चला कि उसपर पुलिस को शंका हो गयी है। क्योंकि पुलिस कई संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही थी।
पुलिस फाइल में नाम आने के बाद हुआ फरार
बताया कि जब उसे पता चला कि उसका भी नाम इस कांड में आ गया है। तब उसने शहर छोड़ दिया। फरार होने के दौरान वह दिल्ली व भोपाल में रहा। पुलिस दबिश के बाद उसने कोर्ट में सरेण्डर कर दिया।