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बिहार
लालू परिवार के अंदर सबकुछ ठीक नहीं
By Deshwani | Publish Date: 21/9/2017 11:12:34 AM
लालू परिवार के अंदर सबकुछ ठीक नहीं

 पटना। बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार के मुखिया राजद सुप्रीमो लालू यादव इन दिनों खासे परेशान हैं. बेनामी संपत्ति का भूत उनका और उनके परिवार का पीछा छोड़ता नहीं दिख रहा है. ऊपर से, परिवार के अंदर की कुछ बातें उन्हें अंदर ही अंदर खाए जा रही है. मीडिया के अलावा राजनीतिक हलकों में चल रही चर्चा पर गौर करें, तो 27 अगस्त के बाद से लालू यादव और भी ज्यादा परेशान हो गये हैं। उनकी पार्टी के विश्वसनीय लोगों ने उन्हें फीडबैक दी है कि यादव जमात के बीच उनका बड़ा बेटा तेज प्रताप यादव जबरदस्त पॉपुलर हो रहा है। लालू की अंदर से इच्छा है कि तेजस्वी यादव राज्यभर की सभाओं को संबोधित करे और पार्टी के नेतृत्व में हाथ बटाये, लेकिन तेज प्रताप यादव सभी कार्यक्रम में टपक पड़ता है और सारी तालियां बटोर ले जाता है. भागलपुर की रैली में लालू यादव ने मंच से तेजस्वी के मुख्यमंत्री बनने की बात कही। कहा जा रहा है कि पटना लौटने के बाद तेज प्रताप ने परिवार में ऐलान कर दिया है कि मैं कृष्ण हूं और द्वारिका का राजा मैं ही बनूंगा।

 
राजद की राजगीर में हुई बैठक और परिवार में लालू ने अघोषित तौर पर ही सही तेजस्वी यादव को विधानसभा में प्रतिपक्ष का नेता बनाकर अपने राजनीतिक विरासत को सौंपने का मन बना लिया है। उधर, लालू के दामाद शैलेष कुमार और बेटी मीसा भारती की नजर भी लालू की राजनीतिक विरासत पर है, वे लोग लगातार बिहार में ही बने हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लालू यादव को अपने बड़े बेटे तेज प्रताप की तुनकमिजाजी और यह बात कहने से कि मैं अपंग नहीं हूं। काफी डर गये हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दोनों भाईयों में सार्वजनिक मंच पर भले कुछ न हो, लेकिन घर के अंदर दोनों में नहीं पटती है। बताया जा रहा है कि लालू यादव को लगता है कि बड़ा बेटा कभी भक्ति में लीन हो जाता है, तो कभी पूजा-पाठ करने में। तेजस्वी राजनीति को लेकर सीरियस है, इसलिए विरासत इसी को सौंपी जानी चाहिए. 27 अगस्त की रैली के सफल आयोजन से खुश लालू को जब पार्टी नेताओं ने फीडबैक दिया कि तेज प्रताप को लोग काफी पसंद कर रहे हैं और उसने जिस अंदाज में भाषण दिया, उससे लोग काफी प्रभावित हैं, तो लालू की चिंता बढ़ गयी। राजद के एक पूर्व मंत्री ने मीडिया से यहां तक कह दिया कि तेज प्रताप ने रैली में नीतीश को भरपुर सुनाया, नीतीश को सुनाकर तेज प्रताप ने हमलोगों का दिल जीत लिया है। जाति की राजनीतिक विरासत के मुखिया लालू को पता है कि उनके लोगों को अक्रामक प्रवृत्ति का नेता पसंद है और तेज प्रताप में वह गुण भरपूर है।
 
घर की अंदरूनी समस्याओं से दो-चार हो रहे लालू को कानूनी पचड़े और मुकदमे से काफी परेशानी हो रही है.  दो दिन पहले पटना जिले की एक अदालत में एक रत्न एवं आभूषण व्यवसायी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद और उनके पुत्र एवं बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के खिलाफ भागलपुर जिले में करोडों रुपये के सृजन घोटाले को लेकर बेबुनियाद आरोप लगाने को लेकर मानहानि का एक परिवाद पत्र दायर किया. पटना के व्यवहार न्यायालय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ओम प्रकाश की अदालत में उक्त परिवाद पत्र भादवि की धारा 500, 504 एवं 505 के तहत रवि जालान द्वारा अपने वकील राधे श्याम सिंह के जरिये दायर किया गया है। याचिकाकर्ता ने लालू और तेजस्वी पर आरोप लगाया है कि उन पर सृजन घोटाले को लेकर बेबुनियाद आरोप लगाये जाने से उनकी समाज में प्रतिष्ठा घटी इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया जाये। उधर, बीजेपी नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी लगातार बेनामी संपत्ति के मसले पर लालू परिवार को घेरते जा रहे हैं।
 
वहीं, मंगलवार 19 सितंबर को (ईडी) ने रेलवे होटल आवंटन मामले में अपनी धनशोधन जांच के सिलसिले में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को समन जारी किया। अधिकारियों ने बताया कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी को मामले में 26 सितंबर को जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए समन किया गया है। संभावना है कि आईओ धन शोधन रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत उनका बयान रिकार्ड करेंगे। कुछ समय पहले पीएमएलए के तहत लालू प्रसाद के परिवार और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। समझा जा रहा है कि पहली बार बयान दर्ज नहीं कराने के बाद राबडी को दूसरी बार समन किया गया है। इन आरोपों को झेल रहे लालू के परेशानी का अंदाजा आप उनके इस बयान से लगा सकते हैं, जिसमें लालू ने कहा कि  सरकारी बंगले में नहीं रहेगा तेजस्वी यादव, सुशील मोदी को जहां रहना है, रहें। हमें उनसे लड़ना नहीं है। कुल मिलाकर, चौतरफा परेशानियों से घिरा परिवार बस नवरात्र में मां दुर्गा से यही प्रार्थना करेगा कि उनका संकट जितना जल्दी हो सके टल जाये।
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