पटना। बिहार पर्यटन विभाग इस बार दुर्गा पूजा के अवसर पर लोगों को पर्यटन स्थलों का दर्शन कराने के लिए विशेष व्यवस्था करने जा रहा है। दूर-दराज और बिहार के विभिन्न स्थलों का दर्शन करने वाले यात्रियों के लिए पर्यटन विभाग की ओर से दुर्गापूजा स्पेशल बसों का परिचालन करने की योजना है। इस योजना के तहत टूर पैकेज की शुरुआत आज से दो दिन बाद यानी 23 सितंबर को शुरू को शुरू किया जायेगा। जानकारी के मुताबिक पर्यटन निगम की ओर से राजधानी के आर ब्लॉक कार्यालय से बसें खुलेंगी। यह बस नालंदा, पावापुरी और राजगीर जायेगी। बस में सफर करने के लिए प्रति यात्री 600 रुपये किराया चुकाना होगा। जानकारी के मुताबिक इसी पैकेज में नाश्ता, चाय, कॉफी के साथ पानी का बोतल फ्री होगा।
पर्यटन निगम के मुताबिक दुर्गापूजा के अवसर पर पटना दर्शन विशेष बस भी खुलेगी , जिसका किराया दो सौ रुपये होगा. पटना दर्शन के जरिये लोगों को शहीद स्मारक, पटना म्यूजियम, कुम्हरार पार्क, आगमकुआं, पादरी की हवेली, सिटी स्थित गुरुद्वारा, बुद्धा स्मृति पार्क और गोलघर का भ्रमण कराया जायेगा। राजधानी पटना से सटे इलाकों के अलावा दूर-दराज से भी लोग दशहरा में पटना आते हैं। उनके लिए पर्यटन निगम की ओर से यह विशेष व्यवस्था की गयी है। इसी क्रम में लोग नालंदा का भी भ्रमण करेंगे। नालंदा भारत के बिहार प्रांत का एक जिला है जिसका मुख्यालय बिहार शरीफ है। नालंदा अपने प्राचीन इतिहास के लिये विश्व प्रसिद्ध है। यहां विश्व के सबसे पुराने नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष आज भी मौजूद है, जहां सुदूर देशों से छात्र अध्ययन के लिये भारत आते थे। बुद्ध और महावीर कई बार नालंदा में ठहरे थे। माना जाता है कि महावीर ने मोक्ष की प्राप्ति पावापुरी में की थी, जो नालंदा में स्थित है। बुद्ध के प्रमुख छात्रों में से एक, शारिपुत्र, का जन्म नालंदा में हुआ था। नालंदा पूर्व में अस्थामा तक पश्चिम में तेल्हारा तक दछिन में गिरियक तक उतर में हरनौत तक फैला है।
लोगों को पावापुरी का भी दर्शन कराया जायेगा। राजगीर और बोधगया के समीप पावापुरी भारत के बिहार प्रांत के नालंदा जिले में स्थित एक शहर है। यह जैन धर्म के मतावलंबियों के लिये एक अत्यंत पवित्र शहर है। माना जाता है कि भगवान महावीर को यहीं मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। यहां के जल मंदिर की शोभा देखते ही बनती है। संपूर्ण शहर कैमूर की पहाड़ी पर बसा हुआ है। उसके बाद राजगीर का भी दर्शन कराया जायेगा। पटना से 100 किमी उत्तर में पहाड़ियों और घने जंगलों के बीच बसा राजगीर न केवल एक प्रसिद्ध धार्मिक तीर्थस्थल है बल्कि एक सुन्दर हेल्थ रेसॉर्ट के रूप में भी लोकप्रिय है। यहां हिंदू, जैन और बौद्ध तीनों धर्मों के धार्मिक स्थल है। खासकर बौद्ध धर्म से इसका बहुत प्राचीन संबंध है। बुद्ध न केवल कई वर्षों तक यहां ठहरे थे बल्कि कई महत्वपूर्ण उपदेश भी यहां की धरती पर दिये थे। बुद्ध के उपदेशों को यहीं लिपिबद्ध किया गया गया था और पहली बौद्ध संगीति भी यहीं हुई थी।